नई दिल्ली. कोरोनावायरस के बढ़ते कहर के बीच चीन में फंसे भारतीयों को वहां से निकालने के लिए भारत सरकार पूरी तरह तैयार है। चीन की औपचारिक सहमति के बाद शुक्रवार 31 जनवरी को उन्हें एयरलिफ्ट किया जाएगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार का कहना है कि हमने हुवेई में रहने वाले भारतीयों से पूछा है कि क्या वह वहां से लौटना चाहते हैं. रवीश कुमार ने कहा, ‘भारत सरकार कोरोना वायरस के बाद की स्थिति को देख रही है. हमने चीन की सरकार से अपील की है कि वह हमें भारत से दो एयरक्राफ्ट ले जाने की अनुमति दे, जिससे हम वहां पर फंसे भारतीयों को निकाल सकें. अब हम चीन के आधिकारिक अप्रूवल का इंतजार कर रहे हैं.’
170 लोगों की हो चुकी है मौत
चीन में कोरोना वायरस से अब तक 170 लोगों की मौत हो चुकी है. सैकड़ों लोग अस्पताल में भर्ती हैं. चीन में वुहान शहर सबसे ज्यादा प्रभावित है. चीन ने अपने कई शहरों और गांवों में आने-जाने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है. इस संक्रमण से सबसे ज्यादा लोगों की मौत हुबेई प्रांत में हुई है. हुबेई की राजधानी वुहान में दिसंबर में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलना शुरू हुआ था और अब ये संक्रमण दुनिया भर में फैल गया है.
रूस की सीमाएं सील
रूस ने चीन से लगी अपनी सीमा को पूरी तरह से सील कर दिया है. भारत में केरल में एक छात्रा के कोरोना वायरस से प्रभावित होने का मामला सामने आया है. ये छात्रा अभी चीन से लौटकर आई है. उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
भारतीय मरीज की मलेशिया में मौत
कोरोना वायरस से त्रिपुरा के रहने वाले एक शख्स की मलेशिया में मौत हो गई है. परिवार वालों के मुताबिक मलेशिया के एक हॉस्पिटल में उसका इलाज चल रहा था. मानिर हुसैन नाम का ये शख्स 2018 में मलेशिया गया था. वो वहां एक रेस्टोरेंट में काम करता था. उनके दादा ने बताया, ‘मेरा 23 साल का पोता पिछले दो साल से मलेशिया में रह रहा था.’